सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत सरकार के निर्देशानुसार कोई भी अधिकारी या डॉक्टर आपको कोरोना वैक्सीन या कोई अन्य वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है




यदि आप टीका नहीं लगवाना चाहते हैं। तो, आपको यह निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है।


उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है। कि, जिन नागरिकों को पूरी जानकारी के बिना टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। टीका लगाया गया है। धोखा दिया गया है, या टीकाकरण के लिए मजबूर किया गया है। उन्हें मुआवजे की मांग करने का अधिकार है।


मानवाधिकार सुरक्षा परिषद और इंडियन बार असोसिएशन ने पीड़ितों को एक करोड़ रुपये अग्रिम मुआवजे (Interim Compensation) देने  की मांग की है।


नई दिल्ली :- नागरिकों को गुमराह करके उन्हें टीकाकरण के लिए बाध्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा नागरिकों के मानवाधिकारों और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए प्रत्येक  पीड़ित नागरिकों को कम से कम अग्रिम मुआवजा 1 करोड़ रुपये सरकार उन्हें देना और वह राशि आरोपियों से वसूल करने की मांग मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रिय महासचिव रशीद खान पठान तथा इंडियन बार असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अ‍ॅड. नीलेश ओझा ने की है।  


                                     

अ‍ॅड. निलेश ओझा 
                                   राष्ट्रीय अध्यक्ष
                            इंडियन बार  एसोसिएशन


विस्तारपूर्वक खबर यह है। कि, इस समय पूरी दुनिया

 में आम जनता कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस दौरान ‘आईवरमेक्टिन’ जैसे अत्यधिक प्रभावी, दुष्प्रभाव रहित और सस्ते मूल्य में सभी जगह उपलब्ध दवाई रहते हुए, कुछ वैक्सीन ( टिका ) निर्माता कंपनियों के माफियाओं ने कुछ भ्रष्ट अधिकारी, मिडिया इनको अपने हाथों की पुतलियां बनाकर तथा लोगों को सही सुचना न देते हुए, घातक दुष्परिणाम वाले वैक्सीन जिनका अभी  तक तीसरे चरण के  ट्रायल (Third Phase Trial) का परिणाम आना बाकि है, उनको (Vaccines) के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह झूठ फैलाया।  

इसी संदर्भ में अमेरिका के प्रसिद्ध डॉक्टरों की संस्था Front Line Critical COVID-19 Care Alliance (FLCCC) तथा इंग्लैंड के डॉक्टरों की संस्था British Ivermectin Recommendation Development Panel (BIRD) इन संस्थाओं ने पूरा वैज्ञानिक प्रमाण (Scientific Evidence) देकर विश्व स्वास्थ्य संगठन[ डब्ल्यू. एच. ओ/World Health Organization (WHO) ] का झूठ उजागर कर दिया है।

इससे पहले भी वैक्सीन माफिया बिल गेट्स इनका बिल एंड मिलींडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा अनधिकृत टीके का परीक्षण करके 8 लड़कियों की मौत के लिए सी.बी.आई (C.B.I) द्वारा जांच करने के लिए राज्यसभा के Parliamentary Committee के 72nd Report में स्पष्ट किये हुए रिपोर्ट को मा. सर्वोच्च न्यायलय ने भी साक्ष्य के इस्तेमाल के योग्य ठहराया है। [Kalpana Mehta (2018) 7 SCC 1]

भारत सरकार के निर्देश और मा. सर्वोच्च न्यायालय तथा मा. उच्च न्यायालय ने भी फैसला सुनाया है । कि, वैक्सीन किसी के लिए बाध्यकारी नहीं है। मा. सर्वोच्च न्यायालय और मा. उच्च न्यायालय का भी दिया हुआ फैसला इंडियन बार असोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।  

Blog Link:- https://indianbaras sociation.in/vaccination-is-not-mandatory-as-per-the-latest-judgment-of-high-court/

इसी आदेश के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी या किसी अन्य उपयुक्त उपचार पद्धति से अपना इलाज कर सकता है। 

अब्राहम लिंकन ने कहा है;

“ एक आदमी दस आदमियों को बेवकूफ बना सकता है,

 दस आदमी मिलकर एक आदमी को बेवकूफ बना सकते हैं, 

 लेकिन आप एक ही आदमी को बार - बार,

 बेवकूफ नहीं बना सकते ”

[You cannot fool, all of the people all of the time.]

इसीप्रकार, हर जगह जनता को समय-समय पर मूर्ख बनाने का काम चल रहा है। कोरोना मरीज को  “आयवरमेक्टीन” (Ivermactine) की दवाई देने से मरीज को आराम मिलता है। मरीज पूर्ण रूप से ठीक होता है और मरीज की मृत्यू भी नहीं होती और इसका कोई हानिकारक और दुष्परिणाम भी नहीं है, देश के विभिन्न राज्यों के विशेषज्ञों की समितियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर FLCC, BIRD, RESEARCH CENTRE के निष्कर्षों में उपलब्ध है।

हाल ही में “मुंबई हाई कोर्ट” ने 28 मई 2021 को गोवा सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आयवरमेक्टीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। [ PIL WP No. 1172 of 2021 साउथ गोवा एडवोकेट्स एसोसिएशन और अन्य। बनाम (vs.) गोवा राज्य ]

आयवरमेक्टीन (Ivermactine) यह दवाई कोई भी मेडिकल स्टोर में बहुत ही कम कीमत और अंदाजन तीस रुपये में उपलब्ध हैं। इस दवाई की कही भी कोई कमी नहीं है।  

वहीं दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन लेने से कई जानलेवा दुष्परिणाम सामने आए है, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद भी कई लोंगो की कोरोना से मृत्यू हुई है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि, इंडियन मेडिकल असोसिएशन के मा. अध्यक्ष के. के. अग्रवाल वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी उनकी कोरोना से मौत हो गई।

आइवरमेक्टिन यह दवा प्राथमिक लक्षणो से अंतिम अवस्था (Last Stage) में कोरोना से जूझ रहे मरीजों को भी पूरी तरह से ठीक करने की क्षमता तथा यह पूर्ण रूप से विश्व भर में कारगर साबित भी हुई है|

इस दवा को पहले ही से (Prophylectic), कोरोना होने की संभावना नही रहती ऐसा रिसर्च मे पाया गया है।  

आप को बता दे की  एक 88 वर्ष की वृद्ध महिला जो की व्हेंटिलेटर पर होते हुए भी ‘आइवरमेक्टिन’ की मदद से बचने का सबूत और अमेरिका के  न्यायालय का आदेश इंडियन बार एसोसिएशन के वेबसाईट पर उपलब्ध हैं।

(i) www.indianbarassociation.in 

(ii) https://indianbarassociation.co.in/?page_id=2103

(iii) https://indianbarassociation.co.in/?page_id=2097

अब सवाल यह उठता है। की , इतना कारगर उपाय रहते हुए क्यों ‘आयवरमेक्टिन’ को नजरअंदाज करके टिका / वैक्सीन ( Vaccine ) पर जोर दिया जा रहा हैं और क्यों कई नागरिकों का जान खतरे में डाल रहे है । नागरिकों को अच्छी दवाई से वंचित कर उन्हें महंगे और घातक दवाई देना , क्या इसका मतलब बड़े दवाई माफियां द्वारा सरकारी संस्थाओं को गुमराह करके उनका गलत उपयोग कर नागरिकों को फ़साने का नहीं है ?

इतना ही नहीं बल्कि, कुछ फार्मास्युटिकल माफिया कंपनियों के सरदार ( लीडर ) जैसे  विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्ल्यू. एच.ओ/WHO] की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के जरिये गलत सुचना फ़ैलाने का प्रयत्न किया गया |


परंतु इंडियन बार असोसिएशन ने उन्हें ५१ पन्नों की कानूनी नोटिस ( Legal Notice ) देते हुए डॉ. सौम्य स्वामीनाथन को, हुए प्रत्येक नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके विरुद्ध भारतीय दंड सहिंता  ( I. P. C) के तहत ३०२ , ३०४, १८८, १२० (ब) r/w ३४ के अनुसार करवाई करने का इशारा दिया।  




नोटिस मिलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन [ डब्ल्यू. एच.ओ / WHO ] की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्य स्वामीनाथन ने घबराकर आइवरमेक्टिन के विरुद्ध में किये हुए 'ट्वीट' को डिलीट (Delete) कर दिया।

इंडियन बार असोसिएशन के प्रयास से  डब्ल्यू. एच.ओ [ WHO ] के अधिकारियों के झूठ और जनता को मुर्ख बनाकर उनके जीवन से खिलवाड़ करने तथा जीवन निर्वाह का हनन करके उनको गरीब बनाने का प्रयत्न सामने आ गया |

इंडियन बार असोसिएशन के इस कार्य से पूरे विश्व भर में इसकी प्रशंसा तथा नोटिस भेजने वाली अड़. दीपाली  ओझा को मुलाकात (interview) अमेरीका, फ्रान्स, दक्षिण आफ्रिका, इसी तरह विश्व भर के अनेक माध्यमों से  प्रसारित और प्रकाशित किया है ।

लिंक (Link) :- 

1.https://www.francesoir.fr/politique-monde/livermectine-utilisee-en-inde-avec-succes-confirmee-comme-traitement-contre-la-covid

2. https://youtu.be/brlZ_77uqn8

3. https://www.bitchute.com/video/62kUVBYFAliV/

निवेदन :-  सभी नागरिकों से निवेदन है । की, वे अपने डॉक्टरों के सलाह से आइवरमेक्टिन या आयुर्वेदिक या नॅचरोपॅथी के सहायता से उपचार करके अपने परिवार का जीवन और पैसा बचाकर तथा पुरे देश में फीर लॉकडाऊन ना लगने में सहायता करे।  

इसी प्रकार , इस मुद्दे पर अनेक लोगों में जानकारी पहुचाये और जन - जागृती फैलाने का प्रयास करते हुए इस राष्ट्रीय आंदोलन में अपना सहयोग करें।  

नोट:i) वैक्सीन कंपनियों के निर्देशानुसार अँलोपेथी दवाईओं के दुष्परिणाम वाले लोगों को वैक्सीन (VACCINE) लेने से बचना चाहिए।  




अन्य सुचना :- 

1. हाल ही में अमेरिका के स्वास्थ विभाग के सलाहकार डॉ. फाऊची का मेल ( Email ) इसी जाँच के सहयोग से मिडिया मे खुलासा करने के बाद निचे दी गई आश्चर्यजनक सुचना सामने आयी है।

(i) जिस व्यक्ति को एक बार कोरोना हो चूका है उसी व्यक्ति को दूसरी बार कोरोना हो नहीं सकता । उन्हें  टीका  / वैक्सीन ( VACCINE ) लेने की और मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं है ।

(ii) मास्क लगालेने से कोरोना से कोई सुरक्षा नहीं होती है |

(iii) कोरोना व्हायरस यह चीन के लॅब में बनाया गया है |

(iv) डॉ. फाऊची, यह वैक्सीन बनाने वाले कंपनी के मालिक बिल गेट्स के साथ मिलकर अमेरिका को और विश्व को गलत जानकारी देते हुए कुछ कंपनियों का फायदा करने में सहयोग कर रहे थे ।


2. मास्क का अधिक उपयोग करने से आपके फेफड़ो को खराब और हानि पहुंचते हुए अन्य बीमारी उत्पन्न होती है । इसीप्रकार नीचे  लिंक पर जाकर देखिये और इसी तरह इंडियन बार असोसिएशन के दि. ०१. ०५. २०२१ का पत्र भी पढ़ें ।

लिंक (Link) :- 

१. मास्क इस्तेमाल करने के दुष्परिणाम : https://youtu.be/2WS2TLzPHds



२. कोरोना टेस्ट फ्रॉड : https://youtu.be/AhAxZ2AtbPk

भारत सरकार के निर्देशानुसार मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है बल्कि जो कोरोना के मरीज हैं और उनकी देखभाल करने वाले ही मास्क पहनें। सरकार ने साफ कर दिया है कि मास्क को 8 घंटे से ज्यादा नहीं पहनना चाहिए । [ सौरव बायझॅक को दि. २७ मई, २०२१ दी गई जानकारी ]

गूगल ड्राइव  ( Google drive ) :- 

https://bit.ly/F10SauravBysack

https://bit.ly/RTINoMaskNeedIfNosymptoms

3. हँड सॅनीटायझर का इस्तेमाल जानलेवा तथा हानिकारक है।  इसलिए इसका उपयोग न करते हुए साबुन और पानी का उपयोग करीये, यही भारत सरकार की सलाहकार संस्था ICMR और विशेषज्ञों का भी सुझाव है। इसी प्रकार हमें सरकार के दिशा-निर्देशों का भी ध्यानपूर्वक अध्ययन करना चाहिए ।




     लिंक (Link) :-

i) https://drive.google.com/file/d/1FU72WH2qTOayW2cLbSDvzB_8R2I4599i/view?usp=sharing


ii) https://drive.google.com/file/d/1Vh_MSflJ3d0bxZAib-vUarPNb4xdebvp/view?usp=sharing




मुरसलीन अ. शेख

जिल्हा अध्यक्ष 

मानव अधिकार सुरक्षा परिषद

 
















Comments

  1. निश्चय ही कोर्ट का या फैसला सराहनीय है। लोगों को पूरी जानकारी न दे कर अज्ञानता फैलाना अपराध है। किसी को भी वैक्सीन हेतु मजबूर नही किया जा सकता ऐसा तमाम आरटीआई से खुलासा हो चुका है। फार्मा कंपनी अपने ट्रायल हेतु लोगों का जीवन खतरे में डाल रही है और इसमें मीडिया वा सरकारी रोबोट्स बड़ी सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं ।
    करो ना से भी अधिक मृत्यु दर कैंसर, TB एवं अनेकानेक बीमारियों को है लेकिन क्या कारण है कि करो ना का ही वैक्सीन बनाया गया अन्य बीमारियों का नही। कारण साफ है जिन बीमारियों में मृत्यु दर अधिक है और उनकी वैक्सीन नही बन सकती वह फायदे का सौदा नहीं है । जिन बीमारियों की मृत्यु दर कम है और जिनकी वैक्सीन बन सकती है उस में फार्मा कंपनी को फायदा है उसका जोर शोर से प्रचार कर दहशत का माहौल बना कर लोगो को बेवकूफ बना कर लूटा जाता है।

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    1. आपकी बात से मै सेहमत हू सर

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    2. लोगों में जागरूकता फैलाई जाए

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    3. सुप्रीम कोर्ट का आदेश कॉपी मिल सकता है क्या सर जी

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    4. Some Government Departments force for vccsin otherwise they do not done your work.

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    5. Supreme Court ke Aadesh ka copy mil sakte hain kya sar

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  2. It's a divine judgement for humanity delivered by indian Apex court. Thanks

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    1. जागरूकता का नितांत अभाव है Abhi भी

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  3. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सराहनीय है। इस बात की हर भारतीय को जानकारी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को इस तरह की नुकसानदायक वस्तुओ की पूरी रोकथाम करनी चाहिए। क्यों के आप ही के पास क्षमता है और आप ही देश के हित में ऐसा कर सकते हैं। धन्यवाद।

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. कृपया न्यायालय के आदेश की क्रमिक संख्या बताये, और संभव हो तो आदेश की प्रति भी संलग्न करें।

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  6. Aap bilkul sahi bol rahe hi sir logo me jagrutta lana bahot zaroori h.

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  7. There is no update of such notice by the Supreme Court. I have been searching for it. Please provide of a link. so that I can download the PDF. We really need it.

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  8. If I share this, I'll be punished for sharing fake news without the. original PDF copy of the Supreme Court. Please provide. Thanks!

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  9. Original copy ka Link share kijiye plz.

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  10. I selute Supreem court ] It's really justice ] It's a divine judgement for humanity -----Dr. Shekh Abdullah Editor Rightpath ---Bhopal M.P.


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  11. Pliz send gavernment refrence copy.

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    1. High court jo faysala liya iska pdf mil sakta hai?

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  12. उच्च न्यायालय का फैसला सही ।👍

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  13. सूरत के कॉलेज में वेक्सिन कंपलसरी हे और वैक्सीन का सर्टिफिकेट के बग़ैर गेट पर एंट्री नही का मेसेज कॉलेज से स्टूडेंट को दिया गया हे क्या कोई कार्यवाही हो सकती हे।

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  14. बिल्कुल सही आदेश सुप्रीम कोर्ट का है। हम भी ये जागरूकता में मदद करेंगे। क्या कोर्ट के ये निर्णय की कॉपी मिल शकती है ? Plzzz.

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  15. Bilkul sahi feshla hai hamare tin sadashyo ki jan le li hai

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  16. It's very very true , people have been fooled , and they have put people in fear distroy the peace of people, makeing money , and no cure , all like dogs waiting on the streets

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  17. सर ,क्या वैक्सीन जिस किसी आदमी को लगा है, क्या उस आदमी को बांझपन (इनफर्टिलिटी) का सामना करना पड़ेगा

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  18. शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के ऊपर वैक्सीन लगवाने का दवाब बनाया जा रहा है ।

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  19. Mumbai me without vaccine local traveling allowed nahi hai ab hum kya kare?

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  20. कोर्ट का इस समय यह फैसला बहुत ही महत्वपूर्ण और सराहनीय है।सरकारों को जनता को गुमराह करने से बाज आना चाहिए तथा इस फैसले का अक्षर सह पालन करना चाहिए । इस फैसले की जानकारी आम जनता को होना बहुत जरूरी है।

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  21. Resp sir your article is correct,I too recommend tab Ivermectin to all suspected cases.They have fully recovered & NO DEATHS.
    Please send the link or case number of SC judgement in above matter...dr kamat

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  22. Kindly send judgement copy..it's not available at link given...

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  23. First me vaccine ke liye bahut daraya gaya logo ko ki vaccine nahi lenge to ticket nahi milega ration nahi milega pention nahi milega hamara papa bimar rahte the par ye sab baat sun kar le liye vaccine aur side effects ho gaya expire kar gaye in sab baton ka zimeddar kaun hai

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  24. शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के ऊपर वैक्सीन लगवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. अगर वैक्सीन नही लगवाया तो पेमेंट नही निकालेंगे एसा शिक्षणाधिकारीने फरमान जारी कि हुए है. इसपर क्या हल है ये बताए.

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  25. Please cort ka aadesh dijiye mumbai me local prwars k liye dono vacsin complsari kiye hai

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    1. इस फैसले की कॉपी तो नही है लेकीन आरटीआई से मांगा गया जवाब जरूर है जिसमे लिखा है वैक्सीन लगवाना कोई जरुरी है और ना ही कोई आपकी कोई सुविधा बंद कर सकता

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  26. इस फैसले की कॉपी वायरल की जय सर।

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  27. Please share the supreme court order

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  28. Please send the link or case number of supreme Court judgement in above matter kayyum Ahmad Siddiqui

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  29. ये ही सच्चाई है

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  30. सही जानकारी को एडवर्टाइज्ड करे

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  31. मै रामसिंह उम्र 78 साल निवासी गांव इंडाली जिला झुंझुनूं से हूं मेरा नंबर 9460621240 है मै स्वस्थ हूं मेरे ऊपर भी यह corona वैक्सीन लगाने का बहुत दबाव आ रहा है लेकिन मैंने वैक्सीन नही लगवाई है।अगर इसका कोई सरकारी आदेश है तो मुझे भी दिया जाए ताकि टीका लगाने वालो को जवाब दे सकू

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  32. सुप्रीम कोर्ट की jugemment की कॉपी और केस नंबर भी बताऊ

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  33. Apki bat me Kitna chachchai he wah hame kaise pata.
    Agar ap sachche ho to supreme court Ka adeshpatr aur adesh Ka number de.
    Take hambhi is bisay me sabuto ke sath logo ko jagruk karsake.
    Aur bharast adhikario Se dat ke mukabla Kar sake.

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  34. I don't understand...koun gumrah Kar rah Hai, app ya govt ? We should not post such messages without any evidence.

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  35. 1. Where is the Supreme court order copy? You have given many links but Supreme Court order copy link is missing.
    2. If Ivermectin is so effective, why was Dr. K. K. Agrawal not given Ivermectin? Being knowledgeable himself he would have known about the same, right?

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  36. Nilesh Ojha ji ap sach me bhart k liye karntikari ho , Apke Karya k liye shubkamnaye

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  37. Sir college or schoolo me bhi yeh Anivary kar diya he ki agar koi vecsin nhi lagvaya to College or schoolo me betne nhi diya jayega to sir jis college ya schoolo me vecsin lgana Anivary kar kiya he un college or school ke principal se or college ke प्राचार्य se bhi moavja milna chahiye.

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  38. सरजी मै आपके आरटीकल और यूटूब के डीबेट और डिक्शन हमेशा देखता हूँ और लोगोंको शेर करता हूँ मैने और मेरे परीवार परीवारने अभी तक एकभी पनीटीका नही लीया है और लेनेवालेभी नही आपने हमारा हौसला बढाया है सरजीआपकोपूरेविश्वकी लोगोंकी दूआ लगेगी!! सत्यकी जय हो !!

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