इस कारन से ठुकराया जस्टिस दीपक गुप्ता का 400 करोड रुपये का ऑफर। - रशीद खान पठाण

इस कारन से ठुकराया जस्टिस दीपक गुप्ता का 400 करोड रुपये का ऑफर।   - रशीद खान पठाण 




कोर्ट से लेंगे 1000 करोड का मुआवजा.

अंतरीम मुआवजा पाने के लिए सुप्रिम कोर्ट मे याचिका              दायर.

आरोपीयो  की नार्को टेस्ट करने की मांग.



                                 रशीद खान पठान
                                      राष्ट्रीय सचिव
                           मानव अधिकार सुरक्षा परीषद





     

नई दिल्ली :- सुप्रिम कोर्ट के निवृत्त जज़ दीपक गुप्ता और अन्य के द्वारा केस वापस लेने के लिए दिया गया 400 करोड रुपये का ऑफर ठुकराकर सी.बी.आय. को शिकायत देनेवाले मानवाधिकार  कार्यकर्ता रशीद खान पठाण ने मिडिया को बताया की उन्होने सुप्रिम कोर्ट मे Recall of Order की याचिका दायर कर 5 करोड रुपये के अंतरीम मुआवजा (Interim compensation) की मांग की है और वे क्रिमीनल कोर्ट मे Cr. P. C. Sec. 357 (3) के तहत 1000 करोड रुपये के मुआवजे की याचिका दायर करने वाले है। इसके पहले पुणा कोर्ट ने जस्टीस पी. बी. सामंत मामले मे टाईम्स नाऊ और अर्णब गोस्वामी को 100 करोड रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। 








क्या है मामला :-

सुप्रिम कोर्ट के रिकॉर्ड चोरी, पाकिस्तान, चीनी जैसे दुश्मन देश की सेना का समर्थन और भारतीय सेना के खिलाफ लोगो को उकसाना आदी देशद्रोह के गुनाह करने वाले सुप्रिम कोर्ट के निवृत्त जज़ दीपक गुप्ता, ऍड. फली नरीमन और उनकी आपराधिक साजिश मे उनका साथ देनेवाले निवृत्त जस्टीस रंजन गोगोई, ऍड. सिद्धार्थ लुथरा, जस्टीस रोहिंटन नरीमन आदी लोगो के खिलाफ सभी सबूतो, स्टींग ऑपरेशन की सीडी के साथ एक शिकायत रशीद खान पठाण ने दायर की थी। उसमे कैसे देशद्रोही ताकतो द्वारा उनका अपराध उजागर करनेवाले देशभक्त नागरिको को झूठे केस मे फसाने के लिए झूठे सबूत बनाए गए इसका भी खुलासा था। उन गंभीर आरोपो को आरोपीयो ने कभी मना नही किया।


  इस शिकायत की जानकारी मिलते ही देशभर से विभीन्न बार एसोसिएशन, सामाजिक संघटनाओ और राजनितीक पार्टियो द्वारा रशीद खान पठाण, ऍड. नीलेश ओझा, ऍड. विजय कुर्ले को समर्थन मिलना शुरू होगया।

   लाखो नागरिको द्वारा आरोपीयो को गिरफ्तारी की मांग बढने लगी। रशीद खान पठाण ने भी कोर्ट मे 1000 करोड रुपये के मुआवजे (compensation) का केस दायर करने की बात कही।और आरोपीयो की नार्को टेस्ट करने और उनकी सभी संपत्ती सरकार जमा करने की मांग की। इस वजह से आरोपी जजेस और उनके दलालो मे हडकंप मच गया और उन्होने अपना एजेंट भेजकर रशीद खान पठाण को 400 करोड रुपये का ऑफर दे डाला। जिसे रशीद खानने ठुकरा दिया और उसकी भी शिकायत सी.बी.आय. को कर दी। आरोपी जजेस द्वारा 400 करोड रुपये नगद का ऑफर देने पर उनके खिलाफ अब आय से अधिक संपत्ती का भ्रष्ट्राचार नियंत्रक कानून का भी केस चलेंगा।





      उसकी जानकारी देते हुए रशीद खान पठाण ने बताया की कानूनी प्रावधान के अनुसार झूठे सबूतो के आधारपर गलत तरीकेसे गैरकानूनी सजा सुनकर बदनामी करनेवाले जजने पिडीत को नुकसान भरपाई (मुआवजा) (compensation) देने का कानून कई केस लॉ मे बनाया है। उसमे से कुछ केस लॉ नीचे दिए हुए है।


1. Ramesh Maharaj case (1978) 2 WLR 902
2. Nambi Narayan case (2018) 10 SCC 804
3. AIR 1969 Pat 149
4. M.K. Gupta case AIR 1994 SC 787 


ऐसे ही मामले मे जस्टीस पी. बी. सामंत का गुनाह न करते हुए फोटो एक केस के संबंध मे केवल आधा घंटा दिखाकर उनकी बदनामी करनेके के मामले मे पुणे के सिव्हील कोर्ट ने 100 करोड रुपये का मुआवजा (compensation) देने का आर्डर किया था और उसी कानून के आधारपर हर नागरिक को मुआवजा मिल सकता है लेकिन उस बारे में केस दायर करना होगा हायकोर्ट में रिट पिटीशिन में केवल अंतरीम मुआवजा दिया जा सकता है ऐसा आदेश बॉम्बे हाय कोर्ट ने Veena Sippy (2012) SCC OnLine Bom 339 मामले में दिया है ।

गैरकानूनी तरीकेसे किसी भी नागरिक के मुलभूत अधिकारों का उल्लंघन करने वाले जज को कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है ऐसे जजने खुद अपनी संपत्ती मे से मुआवजा देना चाहिए जनता की मेहनत की कमाई से भरे हुए टैक्स से नुकसान भरपाई देना देश के साथ धोखा है ऐसा कानून AIR 169 Pat 149, AIR 1994 SC 787 आदी में बताया है ।

उपरोक्त कानून के आधारपर यह स्पष्ट हो गया की केवल आधा घंटा गलत फोटो दिखाकर बदनामी करनेपर १०० करोड़ रुपये नुकसान भरपाई मिल सकती है तो झूठे सबूत के आधारपर फसाकर गलत और गैरकानूनी आदेश 27.04.2020 का पारीत कर उस आदेश को देशभर प्रसारित करने और उस आदेश की गलतीया दिखानेपर गैरकानूनी आदेश वापस लेने के बजाय फिर से झूठे सबूत बनाने और सुप्रिम कोर्ट के रिकॉर्ड चुरानेवाले जस्टीस (रिटायर्ड) दीपक गुप्ता और अन्य के खिलाफ १००० करोड़ का केस प्रथमदृष्ट्या बनता है ।
      रशीद खान ने बताया की उन्होंने गैरकानूनी आदेश को वापस लेने के लिए Recall of Order की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दायर की है और उसमें अंतरीम नुकसान भरपाई (Interim Compensation) के तौर पर Sarvapalli Radhakrishnan 2019 SCC OnLine SC 51 मामले की तरह 5 करोड़ रुपये देने की मांग की है ।
      साथ में १००० करोड़ रूपए की नुकसान भरपाई के लिए I.P.C. 500, 501, 167, 469 ,120 (B), 34 आदी के तहत केस दायर Cr. P. C. Sec. 357 (3) के अनुसार मामला जल्द ही दायर करने की बात कही है ।




                                   ऍड. नीलेश ओझा
                                      राष्ट्रीय अध्यक्ष
                               इंडियन बार  एसोसिएशन





                                     ऍड. विजय कुर्ले
                                          अध्यक्ष
                               महाराष्ट्र  एंड गोवा राज्य
                               इंडियन बार एसोसिएशन
     




                                 मुरसलीन अ.शेख
                                            सचिव
                                सुप्रीम कोर्ट अँड हाइ कोर्ट 
                           लिटजंटस असोसिएशन ऑफ इंडिया

                               

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