[ ब्रेकिंग ]अमेरीकन कोर्ट द्वारा पेशेंट को 2400 करोड़ का हर्जाना
फ्लोरिडा :- अमेरीका में एक पेशेंट को दवाई की गलत जानकारी देना उसकी दुष्परीणाम को ना बताकर दवाई लेने के लिए उकसाना आदि गुनाहों के लिए GlaxoSmithKline कंपनी को दोषी पाया। कंपनी ने अपराध कबूला और 3 बिलियन डॉलर यानी लगभग 2400 करोड़ रुपये का हर्जाना (Compensation) दिया है।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी Bhanwar Kanwar Vs. R.K. Gupta (2013) 4 SCC 252 मामले में गलत विज्ञापन के लिए हॉस्पिटल को दोषी पाते हुए पेशेंट को 15 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था।
हाल ही में ग्राहक न्यायालय (Consumer Court) ने एक महिला को बालों का गलत हेयर कट और गलत ट्रीटमेंट की वजह से हुए मानसिक प्रताड़ना के लिए कंपनी पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर वह राशी पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
Link:https://drive.google.com/file/d/1F5Ci8hbXV4QiGkfuOtUbDSA9c3ZmKmfM/view?usp=sharing
कोरोना व्हॅक्सीन के मामले में मेघालय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि अगर किसी व्यक्ति को धोखे से या जबरदस्ती से व्हॅक्सीन दी गई हो या उसे टीका लेने के लिए बाध्य किया हो तो उस व्यक्ति को हर्जाना मिल सकता है और जबरदस्ती करने वाले, धोखा देने वाले डॉक्टर्स, अस्पताल, सरकारी अधिकारी को अपराधिक कानून के तहत जेल भेजा जा सकता है। [Registrar General Vs. State 2021 SCC OnLine Megh 130]
हमारे देश में स्वास्थ्य मंत्रालय, विभिन्न अस्पतालों, डॉक्टर्स, मीडिया और यूट्यूब द्वारा व्हॅक्सीन के दुष्प्रभावों को छुपा कर लोगों को व्हॅक्सीन पूर्णत: सुरक्षित है का झूठा प्रचार कर और कई जगहों पर व्हॅक्सीन लेना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अनिवार्य कर उन्हें व्हॅक्सीन लेने के लिए बाध्य किया गया।
उसकी वजह से लोगों को कई जानलेवा दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ा। कईयों की तो जान गई। कानूनी प्रावधानों के हिसाब से ऐसे हर व्यक्ति जिन्होंने धोखे में आकर या जबरदस्ती से व्हॅक्सीन ली है पर जिन्हें दुष्प्रभाव भी नहीं हुआ है तब भी वे हर्जाना (Compensation) पाने के हकदार हैं। जिन लोगों को दुष्परिणाम हुए हैं उन्हें ज्यादा हर्जाना मिलेगा। जिन लोगो की जान गई है उनके परिवारवालों को सबसे ज्यादा हर्जाना मिलेगा।
अगर कोई व्यक्ति क्रिमिनल केस दायर करता हैं जैसे I.P.C. 420, 323 इत्यादि तो उसे केवल 1000 रुपये तक खर्चा आता है। और उस केस मे Cr. P.C. की धारा 357(3) के तहत करोड़ों रुपये का हर्जाना (Compensation) उस व्यक्ति को देने का आदेश कोर्ट दे सकती है।
‘इंडियन बार असोसिएशन’ और ‘अवेकन इंडिया मूवमेंट’ ने लोगो से अपील की है की वे स्थानीय वकीलों से संपर्क करें। जिनके पास वकील की फीस देने के लिए पैसे नहीं है वे लोग न्यायालय से मुफ्त वकील सेवा (Free Legal Aid) प्राप्त कर सकते हैं।
अवेकन इंडिया मूवमेंट की वेबसाइट www.awakenindiamovement.com पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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